पेट्रोल कैसे बनता है?
Petrol Kaise Banta Hai? – दोस्तों पेट्रोल आज के समय में इंसान की एक अहम जरूरत बन चुका है, और जैसे जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे इनकी कीमत भी लगातार बढ़ती ही जा रही है। लेकिन दोस्तों आपके भी मन में कभी न कभी तो ये ख्याल आया होगा कि हम जो गाड़ी चलाने के लिये जो पेट्रोल और डीजल डलवाते है वो आखिर आता कहाँ से है आखिर पेट्रोल कैसे बनता है (Petrol Kaise Banta Hai)
तो दोस्तों जैसा कि आप लोग इतना तो जानते ही होंगे की हमें ये पेट्रोलियम जमीन की गहराई से प्राप्त होती है। जोकि बड़ी – बड़ी मशीनरी से खुदाई कर प्राप्त किया जाता है, लेकिन ऐसा नही है कि पेट्रोल और डीजल सीधे जमीन से खोदकर निकाल लिया जाता है ऐसे में ये अपने शुद्ध रूप में नहीं होता बल्कि इनके साथ काफ्ही तरल पदार्थों का मिश्रण होता है जिसे पेट्रोलियम से पेट्रोल पृथक्करण की विधि द्वारा अलग कर लिया जाता है।
पेट्रोलियम क्या है?
हमें जो खुदाई से जमीन से ईंधन प्राप्त होता है, वो हमें काले और गाढ़े तरल पदार्थ के रूप में प्राप्त होता है। जिसे पेट्रोलियम कहा जाता है। पेट्रोलियम के कुए होते हैं जिनसे कच्चा तेल यानी कि क्रूड ऑयल निकाला जाता है। तो अब सवाल ये आता है की यह पेट्रोलियम जमीन के अन्दर बनता कैसे है?
हजारों लाखों साल पहले पेड़ पौधे और जीव जंतु जमीन के अन्दर पृथ्वी पर आए विनाश के कारण दब गए और बहुत ज्यादा दबाव और गर्मी के कारण यही मृत पौधे और जानवर पेट्रोलियम में बदल गए । इसके बाद इंसान ने जमीन और समुन्द्र के अन्दर पेट्रोलियम के ऐसे भंडार का पता लगाया और समुन्द्र की चट्टानों से इस काले तरल पदार्थ को निकालना शुरू कर दिया ।
पेट्रोल की खोज कैसे होती है?
पेट्रोलियम एक लेटिन भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है चट्टानों से निकलने वाला तेल। जमीन के अंदर से जो क्रूड ऑयल निकाला जाता है उसमें पेट्रोल , नेपथ, केरोसिन, डीज़ल , मोम और पिच जैसी चीजें मिश्रित होती है । इसके बाद इस कच्चे तेल यानी कि कूड ऑयल को साफ करने के लिए कारखानों में लाया जाता है जिन्हें पेट्रोल रिफाइनटीज़ (Petrol Refineries) कहा जाता हैं।
बता दें कि कच्चा तेल जमीन और समुद्र दोनों जगह पाया जाता है और समुद्र से कच्चा तेल निकालने के समुद्र के उपर एक Floating Refinery बनाई जाती है। और जमीन के अंदर जो तेल होता है उसे निकालने के लिए कुएं बनाए जाते हैं। लेकिन आपको बता दे le कि कच्चे तेल को ढूंढना इतना आसान नहीं है। कई बार तो इसमें अरबो रुपए ख़र्च हो जाते है फिर भी कच्चे तेल का भंडार नहीं मिलता।
पेट्रोल कैसे निकलता है – How to Get Petrol
लेकिन जब रिफाईनरी को किसी एक जगह कच्चे तेल का भंडार मिल जाता है तब उस तैरती हुई रिफाईनरी को आस – पास की समुद्री चट्टानों से मजबूती से बांध दिया जाता है। ताकि वह पानी से ईधर से उधर न हिले। इसके बाद समुद्र के अंदर खुदाई की जाती है यह बिल्कुल ऐसा ही तरीका है जैसे आप अपने घरों में बोरिंग करवाते हैं।
लेकिन इसकी बोरिंग की खुदाई की अपेक्षा कच्चे तेल की खुदाई की गहराई कई हजार फीट तक होती है इसकी खुदाई तब तक की जाती है जब तक कच्चा तेल नहीं मिल जाता जैसे ही कच्चे तेल का भंडार मिल जाता है उसके बाद पाईप और पम्प की मदद से उसे उस तैरती हुई रफाईनरी तक पहुंचा दिया है। जमीन पर भी जब कच्चा तेल का भंडार मिल जाता है तो उसे रिफाइनरी में ले जाया जाता है।
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कच्चे तेल को पेट्रोल कैसे निकलता है? – Petroleum Refining
इसके बाद इस कच्चे तेल को बड़े बड़े बेलनाकार बर्तनों में डाला जाता है। जहां पर कच्चे तेल गर्म किया जाता है, उसके बाद Distillation Crude Oil प्रोसेस शुरु होता है और इसी प्रोसेस की मदद से पेट्रोल , डीजल , मोम , केरोसीन जैसी चीजें बाहर निकल कर आती है। आपको बता दें कि हर तरल पदार्थ का एक ब्वाइलिंग प्वांइट होता है जैसे पानी का ब्वाइलिंग प्वांइट 100 डिग्री सेल्सियस होता है ठीक इसी तरह कच्चे तेल का ब्वाइलिंग प्वांइट निर्धारित है।
क्योंकि कच्चे तेल में पेट्रोल, केरोसिन, डीजल और बहुत सारे ईंधन एक साथ मिश्रित होते हैं इसलिए कच्चे तेल को अलग – अलग तापमान पर उबाला जाता है। और जैसे – जैसे कच्चा तेल उबलता है वो vaporize यानी कि भाप बनने लगता है। और अलग अलग तापमान पर अलग अलग चीजें हासिल होने लगती है . • जैसे कि कच्चे तेल को 260 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उबाला जाता है तो उससे डीजल मिलता है।
जबकि 180 डिग्री सेल्सियस में हमें मिट्टी का तेल यानि केरोसीन प्राप्त होता है और 110 डिग्री सेल्सियस में हमें पेट्रोल प्राप्त होता है जो आज के समय में हमारे लिये बहुत जरूरी है। और इसी तरह कच्चे तेल के Distillation से हमे और भी कई चीजें प्राप्त होती है जैसे- मोम, पैराफीन वैक्स, ग्लिसरीन, और डामर जेसी कई चीजें हमें सिर्फ कच्चे तेल से प्राप्त होती है।
पेट्रोल को निकालने के बाद इसे ट्रांसपोर्ट किया जाता हैं। साथ ही इसकी टेस्टिंग भी की जाती हैं। इसमें यह चेक किया जाता है, कि कितने ओकटाइन का पेट्रोल है, और बाद में इसे पेट्रोल पंप पर भेजा जाता है। बता दे कि कच्चा तेल समुद्र और जमीन दोनों पर ही मिलता है । लेकिन ऐसा नहीं है कि दुनिया में हर जगह कच्चा तेल हो।
दुनिया में कुछ ही जगह है जहां से कच्चा तेल मिलता है । अमेरिका और रूस में भी कच्चे तेल का उत्पादन होता है लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चे तेल का उत्पादन अरब देशों में ही होता है। पेट्रोल और डीजल को एक बार इस्तेमाल करने के बाद इन्हें दोबारा रीसायकल नहीं किया जा सकता है, यानी कि ये सिर्फ एक बार इस्तेमाल होने वाली चीज है।
पेट्रोल और डीजल धरती पर अनलिमिटेड नहीं है यानी ये धरती पर एक न एक दिन खत्म होना ही है, और यही कारण है कि अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां का निर्माण हो रहा है जिससे की आने वाले टाइम में जब पेट्रोल और डीजल जैसी चीज़े खत्म हो जाएंगी तब भी हमारा काम चलता रहे और हम सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर निर्भर न रहे।
Conclusion
तो दोस्तो आज की हमारी इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि पेट्रोल और डीजल कैसे बनता है? आशा करता हूँ आप लोगों को पेट्रोल और डीजल कैसे बनता है? (Petrol Kaise Banta Hai) के बारे में समझ आ गया होगा। और इसके अलावा आप लोग इस जानकारी को अपने मित्रों में Share करें। दोस्तो अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएगा और इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।
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