ओम बन्ना की कहानी – Om Banna Story In Hindi

Om Banna Story

Om Banna (Bullet Baba) – दोस्तों भारत एक ऐसा अध्यात्मिक देश है, जहां पर देवी-देवताओं के साथ-साथ पेड़ों और जानवरों की पूजा-अर्चना कि जाती है। लेकिन हम यहाँ पर हम एक ऐसे स्थान की बात करने जा रहे है, जहाँ इन्सान की मौत के बाद उसकी बुलेट मोटर साईकिल की पूजा की जाति है। आपको जानकार आश्चर्य होगा की लेकिन राजस्थान में लोग ऐक बुलेट मोटरबाइक की पूजा करते हैं, जो अपने आप में किसी रहस्य से कम नहीं है। और लोग उस बुलेट मोटर साईकिल से मन्नत मांगते है।

 

ओम बन्ना का मंदिर – Om Banna Temple

राजस्थान के पाली में स्थित ओम बन्ना मंदिर में एक मोटरसाइकिल की पूजा भगवान की तरह की जाती है। यहां पर काले रंग की एक रॉयल एनफील्ड बुलेट जो फूलों की माला से लदी एक शीशे के बक्से में रखी गई है , यहां उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। जिसके पीछे यहां के लोगों की आस्था के साथ कई तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हुई है।

राजस्थान के पाली जिले के चोटिला गांव में ओम बन्ना का यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर का नाम ‘ओम बन्ना धाम’ है। लोग इसे ‘बुलेट बाबा मंदिर’ के नाम से भी जानते हैं। यहां पर ओम बन्ना की 350 CC रॉयल एनफ़ील्ड बुलेट जिसका नंबर 7773 है। यहा पर इस बुलेट की पूजा पिछले 30 सालों से लोग करते आ रहे हैं, जबकि इसके पीछे की कहानी भी उतनी ही अधिक दिलचस्प और रहस्यमई है।

ओम बन्ना का परिचय 

ओम बन्ना का पूरा नाम “ओम सिंह राठौड़” था। ओम बन्ना पाली जिले के चोटिला गांव के रहने वाले थे, और उनके पिताजी का नाम “ठाकुर जोग सिंह’ जी राठौड़ था। 

 

ओम बन्ना की बुलेट दुर्घटना – Om Banna Bike Accident

यह बात वर्ष 1988 की है, जब ओम बन्ना अपने ससुराल पाली के बगड़ी,साण्डेराव  से होकर अपने गांव चोटिला आ रहे थे। तभी उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया और उनकी बाइक एक पेड़ से जा टकराई। और मौके पर ही ओम बन्ना की मृत्यु हो गई।

वहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि, इस स्थान पर कोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाता था, जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़  की दुर्घटना घटी उसी जगह रहस्यमई तरीके से कई वाहनों का एक्सीडेंट हो जाता था, और इसी जगह कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं।

 

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दुर्घटना के बाद जब ओम बन्ना की बुलेट को थाने ले जाया गया।

दुर्घटना में मृत्यु के बाद मौके पर पहुंची रोहट थाने की पुलिस ने उनकी गाड़ी को थाने ले गई। लेकिन अगली सुबह की घटना ने सबको चौंका दिया। क्योंकि जब पुलिस को उनकी गाड़ी थाने में नहीं मिलकर उस एक्सीडेंट वाली जगह पर मिली।

यह सब देखकर पुलिस हैरान थी।सूचना मिलने पर पुलिस गाड़ी को फिर से थाने ले आई लेकिन अगली सुबह गाड़ी थाने से गायब होकर, उसी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई। 

बार-बार बाइक का घटनास्थल पर पहुंच जाने पर  पुलिस को शक हुआ तो गाड़ी को फिर से थाने में लाकर एक चैन से बांध दिया गया। और इसकी निगरानी की गई, और तब पुलिसकर्मियों ने देखा कि जंजीरों में बंधी गाड़ी अपने आप स्टार्ट हुई और जंजीरे तोड़कर उसी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गई।

इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सोचा कि गाड़ी  को ओम सिंह राठौड़ के घर पर खड़ा कर दिया जाए। लेकिन घर से भी बाइक उसी घटना स्थल पर पहुंच गई। बार-बार बाइक का घटनास्थल पहुंच जाना देखकर, ओम बन्ना के पिताजी ने इसे ओम बन्ना की इच्छा माना और बाइक को दुर्घटना स्थल पर चबूतरा बनवा कर खड़ा कर दिया। 

 

वहां के लोगों की मान्यता।

वहां पर रहने वाले आस-पास के लोगों और बुजुर्गों का कहना है कि है, इस दुर्घटना के बाद ओम बन्ना की आत्मा अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे। लोगों की कहना है कि ओम बन्ना की आत्मा उस दुर्घटना सोने से पहले गाड़ियों को या तो रोक देती थी या फिर उनकी रफ्तार धीमी कर देती थी।

जिससे कि कोई व्यक्ति अकाल मौत का शिकार ना हो, और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोई दूसरी दुर्घटना नहीं हुई।आज भी इस रास्ते पर जाने वाला हर यात्री ओम बन्ना और उनकी बाइकसे नमन करके ही आगे बढ़ता है। और अपनी उज्जवल यात्रा के लिए मनोकामना करता है।

ओम बन्ना के मरने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का अच्छा काम करते देख वहा के स्थानीय लोगों में उनके प्रति श्रद्धा की भावना बढ़ती गई, और इसी श्रद्धा का नतीजा है कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है, और उस सड़क से गुजरने वाला हर यात्री यहाँ रुक कर ओम बना से सफल यात्रा के मनोकामना कर ही आगे बढ़ता है।

बुलेट बाबा के इस मंदिर में एक पुजारी भी है, जो हर दिन मंदिर में पूजा-पाठ की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं। तो वहीं इस घटना के बाद से मंदिर पूरे इलाके में बुलेट बाबा के नाम से मशहूर हो गया। इतना ही नहीं अब यहां लोग काफी संख्या में दोक लगाते आते हैं, जबकि ऐसा कहा जाता है कि जो भी रोहट थाने में बतौर नए थानेदार बनकर आते हैं वो भी ओम बन्ना की मंदिर में धोक लगाने जरुर आते हैं। यहाँ पर लोग सफल यात्रा के लिए मनोकामना मांगने आते हैं।  ये मंदिर पूरी दुनिया का अनोखा और एक मात्र बुलेट मंदिर है।

Om Banna Temple (ॐ बन्ना मंदिर)

जोधपुर अहमदाबाद के राष्ट्रिय राजमार्ग पर जोधपुर से पाली जाते वक्त पाली से लगभग 20 km पहले  ” दुर्घटना संभावित” क्षेत्र का बोर्ड लगा दिखता है। उसके बाद पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है, और साथ ही नजर आता है भीड़-भाड़ से घिरा एक चबूतरा जिस पर एक ओम सिंह राठौड़ (ओम बन्ना) की बड़ी सी फोटो लगी,और हर वक्त जलती ज्योत | और चबूतरे के पास ही नजर आती है एक फूलों और मालाओं से लदी बुलेट मोटर साईकिल।

 

दोस्तो इस पोस्ट में हमने आपको Om Banna (बुलेट बाबा) के बारे में पुरी जानकारी दी है कि कैसे ओम बन्ना का एक्सीडेंट हुआ, और मृत्यु के बाद भी ओम बन्ना आज भी लोगों के दिल में जिंदा है। दोस्तों आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी है हम एक कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ अधिक से अधिक शेयर करें।

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