1947 में भारत कैसा था – INDIA IN 1947 (1947 Ka Bharat)

INDIA IN 1947

1947 Ka Bharat – भारत को आजादी 1947 में मिली थी और इस आजादी को मिले 70 साल हो चुके हैं और तब से लेकर अब तक इसकी तस्‍वीर बहुत बदल चुकी है। जब देश को आजादी मिली थी तब यहां बहुत गरीबी, भूखमरी और महंगाई थी लेकिन तब से लेकर अब तक के भारत में काफी बदलाव आए हैं।

लेकिन दोस्तों आपके मन में भी यह सवाल जरूर आता होगा कि 1947 में हमारा भारत कैसा था। और उस समय हमारे भारत में कितनी महंगाई थी। तो दोस्तों इस वीडियो में हम आपको बताएंगें कि 1947 में भारत में कितनी महंगाई थी और आज की महंगाई से 1947 की महंगाई में कितना फर्क है। तो आइए चलते हैं 70 साल पीछे आजादी के उस दौर में।

 

1947 में रुपए की कीमत – In 1947 indian Rupee Value

1947 से 2020 तक मुद्रास्फीति औसतन 6.55 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ती रही है। इसके हिसाब से जो चीज 1947 में एक रुपये की मिलती थी वो आज 60 रुपये की मिलेगी। पहले 1947 में 1 रुपये का सिक्का चांदी का हुआ करता था ओर रुपये की कीमत 16 आने यानी 64 पैसे थी और उस वक़्त 1 डॉलर की कीमत 1 रुपया थी।   

in 1947 Indian rupee value

उस वक़्त रुपया इतना शक्तिशाली था कि रोजाना की खरीदारी चिल्लर में ही हो जाया करती थी। दोस्तों अगर देखा जाए तो भारतीयों को सोना बहुत पसंद है इसलिए सोने की कीमत उनके लिए हमेशा मायने रखती है। एक रिपोर्ट के अनुसार 1947 में 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये थी, और आज इतने ही सोने की कीमत करीब 30 हजार रुपये के बराबर है।

 

1947 में महंगाई – India in 1947 Expensiveness

आजादी के उस दौर में हर चीज़ इतनी सस्‍ती थी कि गरीब इंसान भी इन्‍हें खरीद सकता था,जबकी आज तो दाल का भाव भी इतना ज्‍यादा है कि गरीब मजदूर दाल रोटी भी नहीं खा सकता है। 1947 के उस दौर में चावल 65 पैसे प्रति किलो मिला करता था, और आज चावल की कीमत 65 रुपए से भी ज्‍यादा है।

चावल की कीमत में इतनी तेजी बेचारे गरीबों को भूखा पेट सोने पर मजबूर कर देती है। 1947 में  इंटरनेशनल मार्किट में पेट्रोल लगभग 40 पैनी था और डीजल का दाम 35 पैसा था। खाने में मिठास घोलने वाली चीनी उस समय 57 पैसे प्रति किलो मिला करती थी और एक लीटर दूध 12 पैसे रुपये प्रति लीटर जो आज 60 रु प्रति लीटर है।

1947 के उस दौर में मुंबई में विक्‍टोरिया नाम की टुक-टुक गाड़ी बहुत हुआ करती थी। आज तो बच्‍चों की छोटी सी कार में 5 मिनट बैठने के ही सौ रुपए लगते हैं लेकिन तब इस गाड़ी में 1 किलोमीटर का सिर्फ 1 आना लगता था। कहा जाता है कि उस समय लोग प्‍लेन में बैठने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे क्‍योंकि टिकट बहुत महंगी हुआ करती थी

लेकिन अगर आज के समय से टिकट की तुलना करें तो ये बहुत सस्‍ती है। उस समय मुंबई से अहमदाबाद का हवाई टिकट 18 रुपए में मिलता था। आजादी के दौर में तेनाली रमन जैसी किताबे बस 1.5 रुपए में मिल जाया करती थीं।

हालांकि, उस समय एक किताब पर इतने पैसे खर्च करना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। आज फिल्‍म देखने के लिए कम से कम 500 रुपए खर्च करने पड़ते हैं लेकिन अगर आप पुराने जमाने में जाएं तो इतने में हज़ार फिल्‍म देख लेंगें। तब फिल्‍म की टिकट 40 पैसे से लेकर 8 आने तक की होती थी।

 

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Memorial Policy and the Reserve Bank in 1947

आपको ये भी बता दें कि भारत की मौद्रिक नीति को निर्धारित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना आजादी से पहले 1935 में हुई थी। आजादी के बाद भी रिजर्व बैंक अपना यह दायित्व निभा रहा है। india मे बैंक नोट और सिक्कों को जारी करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक की ही है।

भारत में सबसे पहले कागज के नोटों का प्रयोग ब्रिटिश सरकार ने ही शुरू कर दिया था। ऐसा नहीं है कि उस समय बस चीज़ें ही सस्‍ती मिलती थी बल्कि तब लोगों की इनकम भी बहुत कम हुआ करती थी। तब अच्‍छी कमाई करने वाले इंसान की भी सैलरी 150 रुपए से ज्‍यादा  नहीं होती थी। इतनी कम इनकम मैं भी जीवन निर्वाह हो जाता था।

और लग्जरी जैसी चीजों के बारे में जीवन इतना नीचे था कि प्रति 2000 व्यक्तियों पर एक रेडियो था और हजारों व्यक्तियों पर एक टेलीफोन था। दोस्तों देश को आजाद हुए भले ही 70 साल हो गए हैं। मगर आर्थिक बेड़ीयो में झकड़ा हुआ आम आदमी आज भी दो वक्त की रोटी के लिए बेबस हैं वैसा पुराने जमाने में नहीं था।

 

तो दोस्तों यह हालात (1947 Ka Bharat) 1947 के थे ना सिर्फ भारत के बल्कि पूरे विश्व में महंगाई बहुत कम थी। दोस्तों में कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी। दोस्तों इसके अलावा भी आप अगर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।और साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ अधिक से अधिक शेयर करें।

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1947 मैं भारत कैसा था – INDIA IN 1947 (1947 Ka Bharat)

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