मुरुद-जंजीरा किले का इतिहास – Murud Janjira Fort in Hindi

Murud-Janjira Fort

Murud-Janjira Fort History – दोस्तों भारत एक ऐसा देश है जहां पर कई राजा महाराजाओं ने राज किया है और अपने राज्य की सुरक्षा के लिए किले भी बनवाए हैं। यहां ऐसे कई प्राचीन किले हैं, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। एक ऐसा ही किला हे जंजीरा किला। जंजीरा किला महाराष्ट्र के कोकण मैं रायगढ़ जिले के मुरुद गांव के निकट स्थित है, जिसे मुरुद जंजीरा किले के नाम से जाना जाता है।

इस‌ किले के नाम में ही इसकी खासियत छिपी है दरअसल जंजीरा अरबी शब्द ‘जजीरा’ का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ होता है- टापू। समुद्र तल से 90 फीट की ऊंचाई पर बना यह किला चारों और से पानी से घिरा हुआ होने के करण इस किले को ,आईलैंड फोर्ट” के नाम से भी जाना जाता है।

  • देश 
   भारत                                      
  • राज्य 
   महाराष्ट्र 
  • जिला 
   रायगढ़ (मुरुड) 
  • निर्माण 
   15वी  शताब्दी  

 

यह किला भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में अपनी बनावट के लिए मशहूर है और हर साल इसे देखने के लिए लाखो सैलानी आते है। जंजीरा किला भारत के पश्चिमी तट का एक मात्र ऐसा किला है, जिसे ब्रिटिश, पुर्तगाली, शिवाजी महाराज, और संभाजी महाराज ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था। लेकिन कोई भी इस किले को नहीं जीत सका।

इस किले की बनावट ऐसी है कि इस पर कब्जे के लिए कई बार हमले हुए लेकिन कोई भी इस किले के अंदर घुस नहीं सका। यही वजह है कि 350 वर्ष पुराने इस किले को अजिंक्या किले के नाम से भी जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – अजेय। 40 फीट ऊंची दीवारों से घिरा ये किला अरब सागर में एक टापू पर बना हुआ है।

 

जंजीरा किले का निर्माण – Janjira Fort Built By

murud janjira

इस किले का निर्माण 15 वीं सदी में हुआ था। उस समय स्थानीय मछुआरों ने समुंद्री लूटेरा से बचने के लिए एक विशाल चट्टान पर मेदकोट नाम का एक लकड़ी का किला बनवाया था। इस किले का निर्माण करने के लिए मछुआरों के सरदार राम पाटिल ने अहमदनगर के निजाम शाह से इजाजत मांगी थी।

लेकिन लकड़ी के किले का निर्माण पूरा होने के बाद अहमदनगर सल्तनत के निजाम शाह ने मछुआरों के सरदार राम पाटिल को यह किला खाली करने को कहा लेकिन राम पाटिल ने यह किला खाली करने से मना कर दिया।

जिसके बाद अहमदनगर के सेनापति पीरम खान एक व्यापारी बनकर अपने सैनिकों के साथ तीन जहाज लेकर पहुंच गए और उस किले पर कब्जा कर लिया। जिसके बाद अहमदनगर सल्तनत का नया सेनापति बुरम खान ने उस लकड़ी से बने मेधेकोट किले को तुड़वा कर वहां पर पत्थरों से एक मजबूत किले का निर्माण किया।

 

यह भी देखें 

  1. भारत के 10 सबसे बड़े बॉडीबिल्डर
  2. खजुराहो के मंदिरो का इतिहास। 
  3. चित्तौड़गढ़ किले का इतिहास। 
  4. दुनिया के सबसे खतरनाक हैकर्स 
  5.  कुम्भलगढ़ किले का इतिहास 

 

जंजीरा किले की वास्तुकला – Janjira Fort Architechure

जंजीरा किले का निर्माण एक ख़ास वजह से किया गया था। बताया जाता है कि इसका निर्माण 22 वर्षों में हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 22 सुरक्षा चौकियां हैं। कहते हैं कि ब्रिटिश और पुर्तगालियों सहित कई मराठा शासकों ने इसे जीतने का काफी प्रयास किया था, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

murud janjira killa

जंजीरा किले में सिद्दीकी शासकों की कई तोपें अभी भी मौजूद हैं,जो हर सुरक्षा चौकी पर रखी हुई है। जंजीरा किले के चारों ओर कुल 19 बुर्ज हैं। प्रत्येक बुर्ज के बीच 90 फुट से अधिक का अंतर है। लेकिन कुछ इतिहासकारों ने किले के चारों ओर 500 तोपें रखे जाने का भी जिक्र किया हैं। इन तोपों में कलाल बांगड़ी, लांडाकासम और चावरी तोपें आज भी देखने को मिलती हैं।

इसी किले के बीचोबीच एक बड़ा-सा परकोटा है और पानी के दो बड़े तालाब भी हैं। माना जाता है कि इस किले में एक नगर भी था। जंजीरा किले के अंदर दो पानी के छोटे छोटे तालाब भी बने हुए हैं, जिसमें से एक झील मीठे पानी की भी है। समुद्र के खारे पानी के बीच होने के बाद भी इस झील में मीठा पानी कहा से आता हैं, यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

murud janjira fort history

कहा जाता है कि यह किला पंच पीर पंजातन शाह बाबा के संरक्षण में है। शाह बाबा का मकबरा भी इसी किले में बना हुआ है। जंजीरा किला सिद्दीकियों की राजधानी के रूप में  प्रसिद्ध है। जंजीरा किले की दीवार बहुत ही मजबूत है, जिसमें कुल तीन दरवाजे हैं। दो मुख्य दरवाजे और एक चोर दरवाजा। मुख्य दरवाजों में एक पूर्व की ओर राजापुरी गांव की तरफ खुलता है, तो दूसरा ठीक विपरीत समुद्र की दिशा में खुलता है।

जंजीरा किले का दरवाजा दीवारों की आड़ में बनाया गया है। जो किले से थोड़ा दूर जाने पर दीवारों के कारण दिखाई देना बंद हो जाता है। इसी वजह से दुश्मन किले के पास आने के बावजूद भी किले में घुस नहीं पाते हैं। इस किले पर जंजीरा के 20 सिद्दीकी शासकों ने राज किया था, और अंतिम शासक सिद्दीकी मुहम्मद खान था। सिद्दीकियों का शासन खत्म होने के साथ ही यहां की बस्तियां पलायन कर गईं, और 330 वर्ष बाद 3 अप्रैल 1948 को यह किला आजाद भारत में शामिल कर लिया गया।

 

Murud-janjira Fort information In Hindi

  • मुरुड जंजीरा किला भारत का एकमात्र ऐसा किला है, जो समुद्र के बीच बना हुआ है। इसलिए इस किले को “आईलैंड फोर्ट” के नाम से भी जाना जाता है।
  • मुरुड जंजीरा किला समुद्र तल से 90 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है।
  • जंजीरा किला एकमात्र ऐसा खेला है जिसको ब्रिटिश पुर्तगाली और शिवाजी महाराज तक कोई नहीं जीत पाया।
  • यह किला 350 साल पुराना है, जो 40 फीट ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है।
  • इस किले का निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है, और इसमें 22 सुरक्षा चौकियां मौजूद हैं।
  • मुरुड जंजीरा किले का निर्माण अहमदनगर सल्तनत के मालिक अंबर की देखरेख मैं 15 वीं शताब्दी में हुआ था।
  • जंजीरा किले के चारों और कुल 19 बुर्ज हैं और प्रत्येक बुर्जी के बीच में 90 फीट का अंतर है।

 

How To Visit Janjira Fort

जंजीरा किले तक जाने के लिए आपको महाराष्ट्र से रायगढ़ जाना होगा और वहां से ऑटोरिक्‍शा पकड़ कर मुरुड से राजपुरी जाना होता है। यहां से आप नाव द्वारा जंजीरा किले तक पहुंच सकते है। नाव का किराया प्रति व्यक्ति 20 रु. है। यह किला सुबह 7 बजे से शाम 6 से 7 के बीच खुला रहता है, और यह किला शुक्रवार को दोपहर से 2 बजे तक बंद रहता है।

Murud Janjira Fort Map

janjira fort map image

Best Time To Visit Murud Janjira Fort

मुरुद-जंजीरा का किले की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीने तक का माना जाता हैं। क्योंकि महाराष्ट्र राज्य गर्मियों में तेज गर्मी के लिए जाना जाता है और मानसून के दौरान यहाँ की यात्रा करना इतना अधिक लाभदायक नही होता हैं। इसलिए बारिश और ठंड के मौसम में यहां की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय होता है।

How To Reach Murud-Janjira Fort

मुरुद जंजीरा किले घूमने जाने के लिए आपको सबसे पहले महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले तक पहुंचना होगा। आप महाराष्ट्र फ्लाइट, ट्रेन और बस के माध्यम से पहुंच सकते हैं।

Murud Janjira Fort Timing 

मुरुद-जंजीरा किला पर्यटकों के लिए सुबह की 7:00 बजे से लेकर शाम की 6:00 बजे तक खुला रहता है। हालाकि यहां पर चलने वाली नाव कुछ समय पहले ही बंद हो जाती हैं।

Murud Janjira Fort Entry Fee

मुरुद जंजीरा किले में घूमने के लिए प्रवेश नि:शुल्क है। लेकिन यह किला पानी में होने की वजह पर्यटकों को नाव की सवारी के लिए टिकट खरीदने और पार्किंग के लिए निर्धारित शुल्क अदा करना होता हैं।

 

दोस्तों आपको हमने इस आर्टिकल में महाराष्ट्र के मुरूद-जंजीरा किले के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है, आपको हमारी यह पोस्ट और यह जानकारी कैसी लगी है हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और उम्मीद करता हूं, आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी अगर पसंद आई है, तो अपने दोस्तों के साथ ही इस पोस्ट को जरूर साझा करें।

दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल के ऊपर हमारी वीडियो देखना चाहते हैं, तो यह वीडियो देखें।

मुरूद-जंजीरा किला  Janjira Kila – Murud Janjira Fort

Leave a Comment