भारत के 7 लुप्त खजाने – 7 Hidden Treasures in India

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Hidden Treasures in India

Hidden Treasures in India – भारत को एक समय सोने की चिड़िया कहा जाता था, इस चिड़िया का फायदा कई बाजों ने भी उठाया और देश को लहूलुहान कर के चले गए। उस दौर के राजाओं की शानोशौकत के चर्चे दुनिया में थे और उनके पास भी बेशुमार दौलत के भंडार थे, यही दौलत दुनिया भर के बाहरी हमलावरों को भी अपनी ओर खींचती थी।

भारत को 800 साल तक मुगलों ओर 200 साल तक अग्रेजों द्वारा राज किया गया तथा काफी लूट कर धन विदेशो में ले गए । इसके बाद भी इस भारतभूमि पर बहुत से ऐसे खजाने है जिनका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है। उस समय राजा महाराजा द्वारा खजानों के लिए विशेष रूप से तहखानों की व्यवस्था की जाती थी और उनकी जानकारी सिर्फ राजपरिवारों को ही होती थी ।

उस दौर के राजा अपने खजानों को बचाने के लिए इनसे जुड़ी जानकारियां गुप्त रखते थे। उस दौरान कई क्रूर आक्रमणकारी भले ही राजाओं की सत्ता छीनने में कामयाब रहे, लेकिन वे कई छिपे हुए खजानों को हासिल नहीं कर सके। भारत में ऐसे कई खजाने हैं, जिनकी तलाश करनी अभी भी बाकी है । दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको भारत के 7 लुप्त खजाने (hidden Treasures In india) के बारे में बताने वाले हैं।

 

1. Krishna River treasure, Andhra Pradesh

कृष्णा नदी के बारे में तो हम सब जानते हैं और गोलकुंडा हैदराबाद की एक तहसील है गोलकुंडा में एक बहुत बड़ा किला भी है जो गोलकुंडा किले के नाम से भी जाना जाता है। जो 1518 से 1687 तक कुतुबशाही वंश की राजधानी हुआ करता था। यह जगह हीरे की खदान के लिए दुनियाभर में मशहूर थी कहा जाता है कि दुनिया के सबसे मशहूर हीरे कोहिनूर और हुब हीरे को यहां से ही निकाले गए थे।

बता दें कि गोलकुंडा में हीरो की खदान में आखरी बार खुदाई 14वी शताब्दी में की गई थी । तब भारत दुनिया भर में एकमात्र ऐसा देश था जहां पर हीरे निकाले जाते थे। हीरो की यह खदान कहां थी इसका आज तक सही से कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सका है, पर कहा जाता है कि यह हीरो की खदाने कृष्णा नदी के किनारे हुआ करती थी ।

ओर लोगो का मानना है कि हीरो की खदानों से निकाले गए हीरे आज भी कृष्णा नदी के तल में पड़े हुए हैं इन हीरे की खदानों के कारण गोलकुंडा दुनिया भर में प्रसिद्ध था क्योंकि उस समय में केवल यहा से ही हीरे निकलते थे और दुनिया भर में भेजे जाते थे।

 

2. Nadir Shah Treasure, Delhi

नादिरशाह के बारे में तो हमने किताबों में बहुत बार पढ़ा है उनके युद्ध और शासनकाल के बारे में किताबों में देखने को मिल जाएगा । नादिर शाह 1736 में ईरान के शासक हुआ करते थे और सन 1739 में नादिर शाह ने भारत पर आक्रमण कर दिया। उन्होंने 50,000 सैनिकों के साथ दिल्ली पर हमला किया और इस आक्रमण से दिल्ली में बहुत ज्यादा लोगो को मारा और काफी लूट मचाई ।

कहा जाता है उनके युध्द का प्रमुख मकसद यह था कि दिल्ली को लूट कर इस पर शासन किया जाए। लेकिन उसकी शासन करने की इच्छा अधूरी रह गई । लेकिन नादिरशाह ने जो दिल्ली मैं लूट मचाई थी उसको ले जाने के लिए 240 किलोमीटर तक सैनिकों की लाइन लग गई और कहा जाता है कि जब नादिरशाह दिल्ली को लूट कर वापस जा रहे थे तो उनके ही तंबू में उनके सैनिकों ने उनकी हत्या कर दी थी। 

नादिरशाह के मरने के बाद यह खजाना अहमद शाह दुर्रानी के हक में चला गया। कुछ समय बाद अहमद शाह दुर्रानी की किसी बीमारी के कारण मौत हो गई और कहा जाता है कि उन्होंने वह खजाना मरने से पहले कहीं कहीं छुपा दिया था इस खजाने के अंदर बहुत सारा कीमती समान था जिसमें सोने चांदी के जेवरात थे जिसका आज तक किसी को कोई पता नहीं है। 

 

3. Mir Osman Ali Treasure, Hyderabad

मीर उस्मान अली खान अपने समय के बहुत ही अमीर आदमी हुआ करते थे और वह हैदराबाद के निजाम हुआ करते थे और वह हैदराबाद के पहले रजरप्रमुख बने और उस समय वह इतने बड़े राज्य पर शासन करते थे कि वह इंग्लैंड के बराबर था उन्होंने सन 1947 में निजाम कि विवाह के अवसर पर उन्होंने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए हीरो से बना हार मोती से बना तिजारा और हार शामिल है जो आज भी वहां की महारानी द्वारा पहना जाता है।

सन्न 2008 में फॉर मैगजीन ने उन्हें दुनिया का चौथा सबसे अमीर इंसान बताया था और टाइम मैगजीन ने 1937 में उनको दुनिया का सबसे अमीर आदमी बताया था। वह हैदराबाद में किंग कोटि पैलेस में रहते थे उन्होंने उसे अपने रहने के लिए बहुत समय पहले बनवाया था और वह अपना सारा खजाना सारा धन दौलत उसी के नीचे अंडरग्राउंड कमरे में या तहखाने में रखते थे। 

और जब 1933 में हैदराबाद भारत का हिस्सा बना तो भारत सरकार ने उनका कुछ खजाना तो हासिल किया लेकिन आधे से ज्यादा खजाने का आज तक कोई पता नहीं है और कहा जाता है कि उनके खजाने में रूबी,हीरे,मोती,नीलम, बहुमूल्य गहने और स्वर्ण मुद्राओं का भंडार है यह खजाना इतना विशाल था कि आज के समय में उसकी कीमत करीब 33 बिलियन डॉलर है।

 

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4 . Jaigarh Fort Treasure, Rajasthan

राजस्थान के कुछ खजानों की चर्चा समय समय पर होती रही है। राजस्थान के जयपुर में स्थित है जयगढ़ का किला इनी में से एक है इस किले में तोप बनाने का कारखाना, शस्त्रागार,महल,बगीचे आदि बने हुए है। इसी किले में एक है मान सिंह प्रथम का खजाना। मान सिंह अकबर का सेनापति था। माना जाता है कि 1580 में उन्होंने अफगानिस्तान को जीत लिया था, और मुहम्मद गजनी के खजाने को लेकर वह भारत आ गया।

लेकिन उसने इसके बारे में अकबर को नहीं बताया। उसने इस खजाने को जयगढ़ किले में दफना दिया। यह माना जाता है कि उसने महल के नीचे तहखाने बनाए और खजाने को उसमें भर दिया। कहा तो ये भी जाता है कि 1976 में इमरजेंसी के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी इस खजाने की तलाश में जान लगा दी , कई महीनों तक खुदाई चलती रही, लेकिन उनकी ये खोज व्यर्थ गई और उन्होंने घोषणा कर दी कि किले में इस प्रकार का कोई खजाना नहीं है।

जयगढ़ खजाने को लेकर राजस्थान में एक और कहानी प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि मान सिंह ने इस खजाने के बारे में जोधा बाई को बता दिया था। जोधा ने इस खजाने को फतेहपुर सीकरी स्थित एक मंदिर में रखवा दिया था। वक्त की रेत में ये मंदिर दफन हो गया और साथ ही खो गया खजाने का रहस्य भी। स्थानीय लोग मानते हैं कि खजाना अभी भी उसी मंदिर में है। कुछ इतिहासकारों का मानना ये भी है कि जयगढ़ किले का खजाना था, लेकिन राजा जयसिंह ने उस खजाने से वहा के जयपुर शहर का विकास किया।

 

5. Padmanabhaswamy Temple Treasure, Kerala

पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तीरुवानान्थापुरम में स्थित पूरी दुनिया में सबसे अधिक अमीर हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर एक ऐसे इलाके में बना हुआ है, जहां कभी कोई विदेशी आक्रमण हम नहीं हुआ। क्योंकि ज्यादातर आक्रमण भारत के पूर्वी और पश्चिमी सीमा कि तरफ से होते थे। यह मंदिर उस समय चर्चा में आया। जब सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के ऊपर इसका भूमिगत कमरा खोला गया।

27 जून 2011 यही वो तारीख थी जब तहखाने खोलने का काम शुरू किया गया। तो उसके अंदर 7 तिजोरिया थी उनमें से 6 तिजोरियां खोल दी और सरकारी कर्मचारियों की आंखों के सामने इतना खजाना दिखाई दिया कि कोई सोच भी नहीं सकता था इतने सोने चांदी के जेवरात हीरे बर्तन और मूर्तियां और बहुत कुछ भी था। उस समय उस खजाने की कीमत 22 अरब डॉलर लगाई गई थी बता दे कि अभी भी सातवा तहखाना खोलना बाकी है और लोगो का मानना है कि इसमें उन सभी से भी ज्यादा खजाना इस तहखाने में है। 

जब 7 तिजोरी को खोला तो उसके अन्दर एक लोहे की दिवार मिली जिस पर साप का चिन्ह बना हुआ है | हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के मुताबिक 7 तिजोरी के आगे एक सांप है । उस तहखाने को जोड़कर कई अंधविश्वास जनित कहानियां सुना दी गईं । पद्मनाभ मंदिर के सांतवे द्वार को खोलने व उसके खजाने को खोलने की बात होती है, तो एक भय व अनहोनी की कहानी सामने आ जाती हैं।

क्योंकि मंदिर के सांतवें द्वार पर कोई ताला नहीं लगा है, ना ही को कुंड़ी लगी है। बल्कि सांपों के प्रतिबिंब ही इस द्वार की रक्षा करते हैं कहा जाता है कि इस दरवाजे को मंत्रो द्वारा ही खोला जा सकता है रहा है कि इस तहखाने में जितना खजाना है वह इस पूरे खजाने से बड़ा है। सोचिए उस तहखाने से क्या निकलेगा । लेकिन इस सातवे तिजोरी का राज़ क्या है और इस किस प्रकार खोला जा सकता है आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है।

 

6. Sonbhandar Cav Treasure, Bihar

सोनभद्र की गुफाएं बिहार राज्य के एक छोटे से शहर राजगीर जो नालंदा जिले में स्थित है। और इन गुफाओं को सोन भंडार गुफा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कहा जाता है कि इन गुफाओं में बहुत ही ज्यादा मात्रा में खजाना छुपाया हुआ है। जिसे आज तक कोई नहीं खोज पाया यही पर भगवान बुद्ध ने बिम्बिसार को धर्मउपदेश दिया था । बता दें कि राजगीर में सोन भंडार नाम की एक गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें मौर्य शासक बिम्बिसार का बेशकीमती खजाना छुपा है, जिसे आज तक कोई नहीं खोज पाया है।

हालांकि बहुत से लोग इस खजाने को मगध सम्राट जरासंघ का भी बताते हैं, लेकिन वहां इस बात के प्रमाण ज्यादा हैं कि यह खजाना बिम्बिसार का ही है, क्योंकि इस गुफा से कुछ दूरी पर उस जेल के अवशेष मोजूद हैं। जहां अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को बन्दी बना कर रखा था। सोन भंडार गुफा में प्रवेश करते ही पहले 10.4 मीटर लंबा, 5.2 मीटर चौड़ा और 1.5 मीटर ऊंचा एक कमरा आता है।

यह गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई है। बता दें कि यह कमरा खजाने की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए बनाया गया था। इसी कमरे की पिछली दीवार से खजाने तक पहुंचने का रास्ता बना हुआ है। जिसका द्वार बिंबिसार द्वारा एक पत्थर के दरवाजे से बंद करा दिया गया था । इस दरवाजे को आज तक कोई नहीं खोल पाया है। गुफा की एक दीवार पर विशेष शंख लिपि भाषा मे कुछ लिखा हुआ है। जिसे आज तक कोई नहीं पढ़ पाया। कहा जाता है कि इसी शंख लिपी में खजाने के दरवाजे को खोलने का रहस्य छुपा  हुआ है।

लेकिन इस लिपि को पढ़ने में दुनियाभर के लोग नाकाम रहे हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बिम्बिसार के खजाने तक पहुंचने का रास्ता वैभवगिरी पर्वत सागर से होकर सप्तपर्णी गुफाओं तक जाता है, जो सोन भंडार गुफा की दूसरी तरफ पहुंचती है।माना जाता है कि अंग्रेजों ने एक बार तोप से खजाने के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वो इसे तोड़ नहीं पाए। तोप के गोले के निशान आज भी दरवाजे पर मौजूद हैं। लेकिन वह भी इस खजाने को प्राप्त नहीं कर पाए थे।

 

7. Charminar Tunnel Treasure

ऐतिहासिक गोलकुंडा का किला और चारमीनार के बीच 15 फीट चौड़ी और 30 फीट ऊंची भूमिगत सुरंग है। इस सुरंग का का निर्माण सुल्तान कुली कुतुबशाह ने करवाया था। माना जाता है कि इस सुरंग में शाही परिवार द्वारा अपने खजाने को छुपाने के लिए इस सुरंग का निर्माण करवाया था और सुल्तान कुतुब शाह ने अपना शाही खजाना रखवाया था।

वैसे तो इस सुरंग को बनाने का मकसद मुश्किल समय में किले से चारमीनार तक पहुंचना था, परन्तु बाद में यहाँ गुप्त तहखाने बनवाए गए और सोने चांदी के सिक्कों सहित बहुमूल्य रत्न हीरे जवाहरात आदि जमा किये गए। निजाम मीर ओसमान अली ने 1936 में यह खजाना निकालने के लिए नक्शा बनाया था लेकिन खुदाई नहीं की गई।अगर आज इस खजाने की फिर से खोजबीन की जाए तो शायद यह खजाना भारत को मिल सकता है । माना जाता है कि इस सुरंग में सुल्तान कुतुब शाह का खजाना मौजूद है।

 

दोस्तों हमने आपको इस पोस्ट में भारत के 7 लुप्त खजाने  (Hidden Treasures in india) के बारे में बताया है इसके अलावा भी बहुत से ऐसे छोटे खजाने है जिनका आज तक किसी को पता नहीं चला है, अगर सरकार द्वारा खोज करके इन सभी खजाने को प्राप्त कर लिया जाए तो भारत वापस से सोने की चिड़िया बन सकता है।

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Lost Treasure Not Found in India – भारत के लुप्त ख़जाने 

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